वीर सावरकर ने पुणे प्रांतिक बैठक को संबोधित किया।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने डॉक्टरजी से मिलकर बंगाल के हिंदुओं की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की।
9 जून डॉक्टरजी ने नागपुर तृतीय वर्ष शिक्षार्थियों को समापन पर संबोधित किया। यह उनका अंतिम भाषण सिद्ध हुआ। इस वर्ग में देश के सभी प्रांतों से स्वयंसेवक शिक्षार्थी के रुप में आए थे।
सुभाषचंद्र बोस से 19 जून को डॉक्टरजी की भेंट पर डॉक्टरजी के बीमार अवस्था के कारण दर्शन करके वापसी।
21 जून डॉक्टरजी का देहावसान।
3 जुलाई श्री. माधव सदाशिव गोलवलकर ‘श्री गुरुजी’ को सरसंघचालक घोषित किया गया।